समय पर हाेगा बिहार चुनाव, बड़ी रैलियां नहीं होंगी, हेलीकॉप्टर भी कम उड़ेंगे; पंचायत चुनाव की तर्ज पर छोटे-छोटे बूथ बनाने होंगे
बिहार विधानसभा चुनाव के साथ ही मध्य प्रदेश और देश भर के अन्य राज्यों में कोरोना के कारण लटके उपचुनाव भी हो सकते हैं
बिहार विधानसभा चुनाव समय पर होंगे। मतदान का तौर-तरीका भी पुराना ही रहेगा। बिहार के साथ ही मध्य प्रदेश, कर्नाटक समेत कई उपचुनाव भी संभावित हैं। सितंबर तक उपचुनाव के लिए रिक्त सीटों की अवधि 6 माह हो जाएगी। और उसके बाद चुनाव कराना बाध्यता होगी। लिहाजा कोरोना की वजह से चुनाव टलने की नौबत नहीं आएगी। लेकिन, चुनाव-प्रचार के तौर-तरीके में फर्क दिखेगा। डिजिटल तकनीक का बोलबाला होगा। बड़ी रैलियां देखने को शायद ही मिलें। हेलीकॉप्टर भी कम उड़ेंगे। नुक्कड़ सभाएं, रोड-शो, वर्चुअल कैम्पेन पर अधिक फोकस होगा।
आगामी चुनाव नेताओं से अधिक कार्यकर्ताओं के बूते लड़ा जाएगा। वन-टू-वन, डोर-टू-डोर, वोटर से फेस-टू-फेस संवाद का यह चुनाव होगा। कोरोना से उपजी स्थितियों के बीच चुनाव आयोग को बूथ निर्धारण का तौर-तरीका बदलना होगा। हजार वोटर पर बूथ के स्थान पर पांच सौ वोटर पर बूथ बनाना होगा। ठीक वैसे ही जैसे पंचायत चुनाव में होता है। यह जांचा-परखा और सफल तरीका है। इसमें भीड़ भी नहीं होगी और मतदान का प्रतिशत भी नहीं गिरेगा। हां, आयोग को चुनाव के चरण बढ़ाने होंगे।
चुनाव में ऑनलाइन वोटिंग का विकल्प तब तक संभव नहीं है जब तक वोटर आई-कार्ड को शत-प्रतिशत आधार से जोड़ नहीं दिया जाए और सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग के हिसाब से यह संभव नहीं है। रही बात बिहार की तो यहां कोई कोई एंटी-इन्कम्बेंसी जैसी कोई बात नहीं है। केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर विकास को गति दी है। विपदा की इस बेला में भी दोनों सरकारों ने लोगों की भरपूर मदद की है। चाहे वह जन-धन खातों में पैसे का मामला हो, राशन का हो, प्रवासियों की घर वापसी का हो, किसानों का हो…हर मोर्चे पर बढ़-चढ़कर काम हुआ है। लोगों को सीधा फायदा पहुंचा है।
बिचौलिया और लूट की संस्कृति पर विराम लगा है। कांग्रेस-राजद सिर्फ गाल बजा रहे हैं, जनता ने सब देखा है कि विपदा की घड़ी में किसने क्या किया। जिनकी मदद का दावा विपक्ष कर रहा है-उन्हें दूरबीन लेकर खोजना होगा। लोकसभा चुनाव ने बता दिया है कि जनता किसके साथ है। हमें 50% से अधिक वोट मिले। भाजपा वन-वे टिकट है। जो आता है वह लौटकर नहीं जाता। मोदी सरकार के एक साल पूरे होने जा रहे हैं। इस मौके पर हमारे कार्यकर्ता सरकार के काम-काज के हिसाब-किताब लेकर घर-घर पहुंचेंगे। उपलब्धियां गिनाएंगे।