इंस्पेक्टर या दाराेगा से नीचे का अधिकारी अब शराबबंदी से जुड़े मामलों की नहीं करेंगे जांच
जहानाबाद- शराबबंदी से जुड़े मामलों की जांच अब इंस्पेक्टर और दारोगा ही करेंगे। दारोगा से नीचे के पुलिस अधिकारियों को आईओ नहीं बनाया जा सकता। किसी भी सूरत में यह काम एएसआई रैंक के पुलिस अफसरों को नहीं सौंपा जाएगा। यदि ऐसा होता है तो इसके लिए थानेदार पर कार्रवाई होगी। आईजी मद्य निषेध अमृत राज ने इससे संबंधित पत्र एसपी को लिखा है। दरअसल शराबबंदी लागू करने के लिए बिहार मद्य निषेध और उत्पाद अधिनियम 2016 बनाया गया है।
इस कानून के तहत दर्ज होने वाले मामलों का अनुसंधान दारोगा से नीचे के पुलिस अफसर नहीं कर सकते। यहां तक की तलाशी और जब्ती सूची बनाने का अधिकार भी उन्हें नहीं दिया गया है। बावजूद इसके कई जगहों से ऐसे मामले सामने आए जिसमें शराबबंदी से जुड़े कांडों का अनुसंधानकर्ता (आईओ) एएसआई को बनाया गया है। यहीं नहीं उनके द्वारा तलाशी और जब्ती सूची का काम भी लिया जा रहा है।
शराबबंदी कानून के तहत दर्ज मामलों में एएसआई को आईओ बनाने समेत केस से जुड़े अन्य काम लेने का मामला सामने आया है। इसके बाद आईजी मद्य निषेध ने सभी जिलों के एसपी को इस आशय का पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में ऐसा न हो। यह प्रावधान के विरुद्ध है। अदालत में सुनवाई के दौरान इसका लाभ अभियुक्तों को मिल रहा है। उन्होंने आदेश दिया है कि यदि कोई कांड का अनुसंधान एएसआई के पास है तो तुरंत उसे किसी दारोगा या इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस अधिकारी को सौंपा जाए।