बिहार में बाढ़ का खतरा – प्रमुख नदियों में तेजी से बढ़ रहा जलस्तर; पहली बार जून माह में कोसी और महानंदा समेत 6 नदियां खतरे के निशान के पार
नेपाल के तराई वाले इलाकों और उत्तर बिहार की नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश के बाद जून में पहली बार सूबे की नदियों में उफान है। आधा दर्जन नदियां खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई हैं। नेपाल से आने वाली नदियों के स्रोत में भी पानी की मात्रा असहज रूप से काफी बढ़ती जा रही है। बिहार में पिछले 72 घंटे से हो रही बारिश के कारण परेशानी और बढ़ गई है। नदियों में पानी बढ़ने से तटबंधों पर दबाव भी बढ़ता जा रहा है। हालांकि जल संसाधन विभाग ने सारे तटबंधों के सुरक्षित होने का दावा किया है। प्रदेश की सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है।
सामान्यत: जून में इन नदियों का जलस्तर इस उच्च स्तर पर नहीं रहता है। कोसी वराह के जलस्तर में 20 हजार क्यूसेक तक की वृद्धि हुई है। गंडक नदी में वाल्मीकिनगर बराज पर 24 घंटे में 13 हजार क्यूसेक की वृद्धि हुई है। राज्य में नदियों के बढ़ते जलस्तर पर केंद्र सरकार की नजर बनाए हुए है। महानंदा नदी के बढ़ते जलस्तर को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात की। मुख्यमंत्री ने उन्हें हालात के बारे में विस्तार से बताया। इस पर केंद्रीय गृह मंत्री ने बिहार के लोगों की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा दिया।
इन जगहों पर नदियां लाल निशान पार
बागमती व अधवारा समूह सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर में खतरे के निशान को पार कर गई है। बागमती कटौंझा में खतरे के निशान से 62 सेंटीमीटर और ढेंग में 65 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। महानंदा पूर्णिया में खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर है। नदी कटिहार में भी लाल निशान को पार कर चुकी है। कोसी नेपाल, खगड़िया और भागलपुर में खतरे के निशान से ऊपर है।