सात राष्ट्रीयकृत बैंकों का चेकबुक पहली अप्रैल से हो जाएगा बेकार, ग्राहकों को नया चेक होगा इश्यू
पहली अप्रैल से सात राष्ट्रीयकृत बैंकों के चेकबुक बेकार हो जाएंगे। एलडीएम विजय कुमार ने बताया कि इनमें वे बैंक शामिल हैं, जिनका किसी अन्य बैंक में विलय हो चुका है। पंजाब नेशनल बैंक मैं विलय हुए ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स व यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के चेकबुक 31 मार्च 2021 तक ही मान्य रहेंगे। वहीं, बैंक ऑफ बड़ौदा का हिस्सा बन चुके देना बैंक व विजया बैंक के चेकबुक भी इस महीने के बाद काम नहीं करेंगे। पहली अप्रैल से इनमें बैंक ऑफ बड़ौदा के चेकबुक व पासबुक ही चलेंगे।
हालांकि केनरा बैंक में विलय के बाद सिंडिकेट बैंक के चेकुबक की मान्यता अवधि 30 जून, 2021 तक रखी गई है। दरअसल सरकार आंध्रा बैंक व कॉरपोरेशन बैंक का विलय यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया में तथा इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में कर चुकी है। नए नियम इन सभी बैंकों के साथ लागू होंगे। एलडीएम ने बताया कि विलय से खाता संख्या, आइएफएस कोड, एमआइसीआर कोड, ब्रांच पता भी बदला जा रहा है। उन्होंने बताया कि इन बैंकों के ग्राहकों को अब नई बैंक की चेक बुक ही मिलेंगी।
सभी शाखाओं में नए बैंकों के चेक बुक और पासबुक ग्राहकों को दिया भी जाने लगा हैं। केवल सिंडिकेट बैंक खाताधारकों की मौजूदा चेक बुक 30 जून 2021 तक मान्य रहेगी। लोगों को चेक बुक व अन्य बैंकिंग कार्यों में परेशानी ना हो इसके लिए बैंकों ने कार्य शुरू कर दिया है।
आईएफएससी कोड के बदलाव से पड़ेगा असर
आईएफएससी कोड के बदलाव का खाताधारकों पर असर पड़ेगा। ज्ञात हो कि ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए बैंक अकाउंट नंबर के साथ बैंक का आईएफएसडी कोड यानी इंडियन फाइनेंशियल सिस्टम कोड एड करना पड़ता है। भारत में बैंकों की संख्या बहुत ज्यादा है और इस स्थिति में सभी बैंकों के ब्रांच को याद नहीं रखा जा सकता है। बैंक अधिकारियों द्वारा ग्राहकों को निर्देश दिया गया है कि चेकबुक एवं पासबुक मिलने के बाद विभिन्न फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स में दर्ज अपनी बैंकिंग डिटेल्स को भी अपडेट करना न भूलें। म्यूचुअल फंड्स, ट्रेडिंग अकाउंट्स, लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी, इनकम टैक्स अकाउंट, एफडी/आरडी, पीएफ अकाउंट और ऐसी कई अन्य जगहों पर बैंक अकाउंट को अपडेट करना जरूरी है। निए विलय प्रक्रिया से अब संबंधित ग्राहकों को थोड़ी मुश्किलों का सामना करने के लिए तैयार होना पड़ेगा।